Menu

April 21, 2020

Agni Pareeksha: A Manufacturered Lie

रामायण एक इतिहास है काफी भारतीयों के लिए।
बहुत से लोगों के लिए उनके भगवान श्री राम की कहानी है।
बहुत से लोगों के लिए श्री हरि विष्णु की अवतरण लीला है।
लेकिन,
बहुत से पापी ऐसे हैं जो रामायण का इस्तेमाल श्री राम और रामभक्तों को कलंकित करने के लिए करते हैं।



मजे की बात ये है कि इनके झांसे में वही फंसते हैं जो रामायण या रामचरितमानस पढ़ते ही नहीं।
ऐसा ही एक आक्षेप लगाया जाता है अग्निपरीक्षा का।
तो आइए स्वयं महर्षि वाल्मीकि और गोस्वामी तुलसीदास जी से समझते है कितनी सच्चाई है इसमें।
वाल्मीकि रामायण।


युद्ध कांड।
रावण वध के बाद जब जानकी जी श्री राम के सम्मुख आ गई  तो राम ने उन्हें जाने को कह दिया। तदंतर सीता ने अग्नि को आलिंगन किया। ये सभी बताते हैं किन्तु इसके बाद कोई नहीं बताता।
सर्ग 121 में देवताओं के कथन के बाद श्री राम कहते हैं:
"निश्चय ही जानकी जी सभी दोषों से मुक्त हैं। किन्तु यदि मैं यदि बिना किसी प्रमाण के उनको अयोध्या ले जाता तो ना सिर्फ मुझपे कामी और व्यसनी होने का आरोप लगता वरन् सीता को भी अनेकों सवाल किए जाते।" -VR युद्ध कांड 121.16

वाल्मीकि रामायण युद्ध कांड सर्ग 121

रामचरितमानस लंका काण्ड
दोहा 108
गोस्वामी जी बताते हैं कि जब रावण ने सीता हरण नहीं किया था तभी श्री राम ने सीता जी को अग्नि को समर्पित किया था। तब से सीता की जगह उनकी छाया ही मानव रूप में लीला कर रही थी। यदि रावण ने बलपूर्वक स्वयं सीता मां को छूने का भी प्रयास किया होता तो वो जल कर भस्म हो जाता।
छाया का वर्णन हमें मार्कण्डेय पुराण में भी मिलता है।
सूर्य की पत्नी उनके तेज से पीड़ित हो कर अपनी छाया को भगवान् सूर्य के पास छोड़ देती हैं और खुद एक आश्रम में चली जाती हैं। उस छाया से भगवान् सूर्य को एक पुत्र भी होते हैं सावर्णिक जो आठवें मन्वन्तर में मनु होंगे।
इसीलिए जब राम के लीला स्वरूप कड़वे वचन कहने पर सीता (छाया) अग्नि में जाती हैं तो फिर अग्निदेव सीता को लेकर आते हैं। (लंका काण्ड दोहा 108 छंद 1-2)


रामचरितमानस लंका काण्ड दोहा 108

यहां जो रामायण पे सवाल उठाते हैं उनसे कुछ सवाल पूछने कि जरूरत है।
1. क्या वो रामायण को इतिहास मानते हैं?
2. क्या वो राम जी को ईश्वर या अवतार मानते हैं?
रामायण के एक हिस्से को अनदेखा कर के दूसरे पर सवाल उठाने वालों को सीधा प्रश्न कीजिए। चुप मत रहिए।
इस लेख को शेयर कीजिए ताकि लोग इसे पढ़ कर जागरूक हो सकें।

No comments:

Post a Comment